Saturday, November 01, 2008
ये जीवन
मुक्त आकाश हो मुक्त हो जीवन
मन करे तो रुक जायें
या करते रहें स्वच्छन्द विचरण
खुशबु हो महक हो सुगन्ध हो
या वायु अनिल पवन
हर रंग में वो एक हो
हर रुप में अमर
लय और ताल को जोडें हम
और बनायें नित नये समीकरण
कभी कोई छन्द बना लो
बन जाये कभी कोई गजल
कभी किसी साज पे
कभी किसी राग पे
सजता जाये ये जीवन
जैसे कोई नुतन
नवयौवन सा प्रेम प्रसंग
रुकते हो तुम चलते हो तुम
लहरों की तरह उमडते हो तुम
कभी किसी मोड पे रुकेंगे
तो सोचेंगे की इतनी
गति इतनी जल्दी में
क्यों हो तुम
Friday, October 24, 2008
बाजार

आज बाजार जाने का मन नही करता
कुछ खरीदने की इच्छा नही होती
या शायद इतने पैसे नही की कुछ खरीद सकूँ
कभी बहुत कुछ खरीदती थी मैं
कुछ रंगीन कँचे , गुड्डे गुड्डियों का संसार
आज बिक रहा है सारा ब्रहमाण्ड
ये धरती ये आकाश
ये जल ये पवन
सब कुछ बिक रहा है
बेबसी के मजार पर
भावनाआों के गुब्बारे उड रहें हैं
बेरहम से उचीं कीमत के मीनार से
रिश्तों की जड किसी ने उखाड फेकीं है
कहीं दुर सभी मगन हैं सौदेबाजी में
कुछ खरीदने कि होड में
सब कुछ बेचने कि होड में
कभी जमीन बिकती थी
आज जमीन से जमीर सब गिरवी है
ये जीन्दगी

भागती जीन्दगी दौड़ती जीन्दगी
हर कदम पर मरती जीन्दगी
जहां शाम ढले अंधेरा हो
उस मोड़ पर रुकती जीन्दगी
महानगरों की ऐसी भागम भाग
के बीच मैंने देखी पनपती जींदगी
रोशनी के बीच हंसते चहकते लोग
वहीं किसी कोने में बिलखती जीन्दगी
उंचे २ मिनार खड़े हैं
उन में रहने वाले लोग भी सर चढ़े हैं
उसी मीनार के पीछे झोपड़ी बनाती जीन्दगी
चारों तरफ रिश्तेदारों कि भीड़ है
खुशीयों में शरीक होते रिश्ते
वहीं गमों के पहाड़ से घिरी
एक रिश्ता टटोलती जिन्दगी
ये तेरे पदचाप हैं बता रही है
तेरी भी है एक जिन्दगी
य॓ तु हीं सोच ले दोनो
तरह में कौन सी है तेरी जीन्दगी
हर कदम पर मरती जीन्दगी
जहां शाम ढले अंधेरा हो
उस मोड़ पर रुकती जीन्दगी
महानगरों की ऐसी भागम भाग
के बीच मैंने देखी पनपती जींदगी
रोशनी के बीच हंसते चहकते लोग
वहीं किसी कोने में बिलखती जीन्दगी
उंचे २ मिनार खड़े हैं
उन में रहने वाले लोग भी सर चढ़े हैं
उसी मीनार के पीछे झोपड़ी बनाती जीन्दगी
चारों तरफ रिश्तेदारों कि भीड़ है
खुशीयों में शरीक होते रिश्ते
वहीं गमों के पहाड़ से घिरी
एक रिश्ता टटोलती जिन्दगी
ये तेरे पदचाप हैं बता रही है
तेरी भी है एक जिन्दगी
य॓ तु हीं सोच ले दोनो
तरह में कौन सी है तेरी जीन्दगी
Thursday, October 23, 2008
अंतहीन तलाश

नहीं खत्म होती है अंतहीन तलाश
जैसे सुबह का प्रकाश
जैसे रात का अन्धकार
धीरे २ जलती है बत्ती
बुझी २ सी लगती है रात
शान्ति से रेंगती जीन्दगी
तन्हा से हैं जज्बात
भीतर बहूत कुछ नही
बस है जीवन की तलाश
किससे मिलाए खुद को
कोई मुझसा मिलता नहीं
हर चेहरे को टटोले दिल
कोई अक्स भी ईक सा नहीं
कौन दुखी है मेरे दुख से
शाम से बुझा है चीराग
बगल के हर घर में रौशनी है
नहीं खत्म होती है तलाश
जैसे खुद कि है खुद से दुशमनी सी
जैसे सुबह का प्रकाश
जैसे रात का अन्धकार
धीरे २ जलती है बत्ती
बुझी २ सी लगती है रात
शान्ति से रेंगती जीन्दगी
तन्हा से हैं जज्बात
भीतर बहूत कुछ नही
बस है जीवन की तलाश
किससे मिलाए खुद को
कोई मुझसा मिलता नहीं
हर चेहरे को टटोले दिल
कोई अक्स भी ईक सा नहीं
कौन दुखी है मेरे दुख से
शाम से बुझा है चीराग
बगल के हर घर में रौशनी है
नहीं खत्म होती है तलाश
जैसे खुद कि है खुद से दुशमनी सी
Wednesday, October 22, 2008
Walk FeW sTePs WiTh mE dEaR
I want you to hold my hand
creat a beautiful world
or just move your magic wand
I want you to walk with me to
those beautiful mountains
or far flung fairy land
I want you to sing for me
A romantic sonnet or
dance to tunes of country band
I want you to sit along my side
feel the rain drops or
walk barren feet on white sand
I want to lie down on bed one evening
You cook the dinner or
Just serve the precooked prawn with your hand
I want you to love me whole day
Tell me how much you want me
For my sake atleast you pretend
I want you to look at that moon
Keep me in your cosy arms
And forget the world soon
This is not a distant dream
when I know you love me more than my words
creat a beautiful world
or just move your magic wand
I want you to walk with me to
those beautiful mountains
or far flung fairy land
I want you to sing for me
A romantic sonnet or
dance to tunes of country band
I want you to sit along my side
feel the rain drops or
walk barren feet on white sand
I want to lie down on bed one evening
You cook the dinner or
Just serve the precooked prawn with your hand
I want you to love me whole day
Tell me how much you want me
For my sake atleast you pretend
I want you to look at that moon
Keep me in your cosy arms
And forget the world soon
This is not a distant dream
when I know you love me more than my words
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