Thursday, June 09, 2011

हमें आज भी वो  बरसात याद आता है
तेरा भीग कर मुझसे मिलने आना  याद आता है
काश कोई कह दे इन बूंदों से न बरसें  मेरी गली 
की अब ये  बरसात  मुझे बड़ा रुलाता है

~स्वाति ~

5 comments:

Anonymous said...

sundar.. where are you..

रश्मि प्रभा... said...

waah

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सुंदर .....भावपूर्ण पंक्तियाँ

संजय भास्‍कर said...

खूबसूरत कविता....

abhi said...

बरसात से जुडी किसी की याद हो तो बरसात कहर ढाती है./