बाजार है ये दुनिया यहां हर चीज़ बिक जाती है
दिल बिक जाता है ज़मीर बिक जाती है
हिसाब न करो अपने रंजो गम का मेरे दोस्त
की बदनसीबों की दुनिया है तकदीर बिक जाती है
दिल बिक जाता है ज़मीर बिक जाती है
हिसाब न करो अपने रंजो गम का मेरे दोस्त
की बदनसीबों की दुनिया है तकदीर बिक जाती है
स्वाति सिन्हा
1 comment:
bahut hi badhiyaa
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