हमने कुछ अनकही अनसुनी सी सुन ली
तेरी आँखों की चुप्पी.. फीकी हंसी में सुन ली
अब जाते हैं कदम बड़े सुस्त होकर
हमने जो गर्म चाय बिना चीनी के चुन ली !!!!
स्वाति सिन्हा
No comments:
Post a Comment