एक नज़र प्यार की काफी हो जहां
उस हुस्न को बेहिसाब देखना जुर्म है
शहर का हर कोना बावस्ता है खुशबू से उसके
अब तो उसका तेरे ख्याल में आना जुर्म है
स्वाति
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