Tuesday, August 30, 2011

अजनबी मुझे तुम बहुत याद आ रहे हो !!!!


अजनबी तुम बहुत याद आ रहे हो
मेरी धडकनों के संग तुम भी गुनगुना रहे हो
बहुत मचल रहा है दिल की देखूं तुम्हे
क्यूँ मेरे दिल को इतना तड़पा रहे हो

क्यूँ लग रहा है आस पास मेरे हो
मेरी बेचैनी पे मुस्कुरा रहे हो
आ जाओगे अगले पल बाहों में मेरी
मगर न जाने क्यूँ मुझे तुम सता रहे हो

इस सुबह की अंगडाई में भी तुम हो
तकिये में छुपाती मेरी हंसी में भी तुम हो
खुश हूँ तुम्हे चुपके से याद करके
की सुबह की किरणों और खुशबू में तुम हो

अगर कहूँ मेरी तन्हाई को तुम सजाते हो
मैं उदास हूँ अगर तो मुझे हंसते हो
कोई सपना टूटा अगर मेरा कभी
अगले ही पल इन पलकों पे एक ख्वाब दे जाते हो


स्वाति सिन्हा 

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